रविवार, 1 मई 2016

कविता -निभुर

उज्जर चंदैनी
निभुर निंदिया ।
सुग्घर बिहनिया के
अगोरा म
सुतजा अब
खोर के बेड़ी ल लगा दे
पलंग तरी
एक लोटा पानी रख दे
नीक बिहनिया के
अगोरा म
सुग्घर चंदैनी ल
निहार ले
सुत जा निभुर
सुधा वर्मा ,रायपुर
13-10-2015

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