रविवार, 1 मई 2016

कविता -बिहनिया

बिहनिया
----------
नीक बिहनिया ।
सुग्घर बिहनिया ,
नाचत बिहनिया ,
खेलत बिहनिया ।
हाँसत बिहनिया ,
अटियावत बिहनिया,
राम राम करत बिहनिया ।
जय जोहार ।
सुधा वर्मा ,31-3-2016
🌾💃🏻🌾🌾🌻🌾🌾🌺🌾🌾👯🌾🌾🌝🌾🌾🌞🌼

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें